तेरी रुस्वाई ने तनहा कर दिया
फिर ना होगी बात यह कैसे सोच लू
तू ना होगी कभी साथ यह कैसे मान लू
मुक्कदर ने धोका दिया
तूने भी साथ छोड़ दिया
पल पल रूह कांपती रही
ऐसा नशा तेरी जुदाई ने कर दिया
तू मुस्कुराती रहना
हाथ किसी वफादार साथी का तू थाम लेना
गर कोई ऐसा मिले जो करे मुझसे ज्यादा मोहब्बत
तोह मेरी जलती हुई चिता पे पानी डाल मुझे बेवफा करार देना
झूठ बोले हो भोहोत ,पर झूठा नहीं हूँ
तू यह कैसे मान बैठी है की में तेरा नहीं हूँ
दिल से निकली हर आवाज़ लहू से मैंने लिखी है
पर नसीब भी था आवारा, उसको भी तू अब पानी समझ बैठी है
कभी न कभी फिर मुलाकात जरुर होगी
हो न हो तू भी आईने में खुद को देख अब रो रही होगी
तेरे सपनो का हो घर में सजाता रहूँगा , अगली बार जब तुजसे मिलूँगा
हाथ पकड़ के तुझे वही ले आऊंगा तुझे अपने पास खीच लाउंगा
awesome...:)
ReplyDeletethanks
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