हर पल हर वक़्त ऑंखें करती है याद
दिल धुन्ड़ता है तुजे
संग बिताया हुआ हर पल याद है मुझे
आए या ना आये तू सहारा वोही है मेरा अब
सहर उठता हूँ अकेले में कभी
पर दिखावे के लिए खुश हूँ भोत अभी
आँख बंद कर सोच लेता हूँ तू साथ है मेरे
हो न हो कहीं फिर मिलजाए तू मुझे
चलती है अब साँसे ऐसे
नाम लिया हो तूने दिल से मेरा
ज़िंदगी का क्या है
कब रुक जाये किसको पता है
सोच रही है तू भी येही की ना सोचु में तुजे कभी
पर वोह पल ही इतना हसीन था
काश रुक जाता समय और तस्वीर बनजाती खाव्ब की
पल ऐ पल और कितना रुलाएगा
कब में आगे चलूँगा और तू हमारे पीछे आयेगा /
No comments:
Post a Comment